सोमवार, 15 अगस्त 2022

कविता

 



अद्भुत हिंदुस्तान

गौतम कुमार सागर

केसरिया जोश श्वेत शांति

हरित धरा परिधान

नीलकंठ-सा नील चक्र

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

हजारों हजार दधीचि

करें अस्थियाँ दान

बच्चा-बच्चा देशभक्त

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

गुरुग्रंथ या बाइबल हो

या गीता या कुरान

सबको हृदय में रखता

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

एक माँ के दो बेटे

किसान और जवान

एक खेत में एक सीमा पे

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

कहीं हिमाचल बर्फीला

कहीं है राजस्थान

रेत- बर्फ का संतुलन

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

गोरी गजनी को भी दिया

कई कई जीवनदान

कभी न हमलावर रहा 

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

हल्दीघाटी आज भी करती

चेतक का गुणगान

पशु भी देशभक्त कहलाया 

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

काशी में है भक्ति की गंगा

नालंदा में ज्ञान

वृंदावन में प्रेम बसे 

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

कान्हा पर भी छंद लिखें

नजीर औ’ रसखान

ग़ालिब को गाये जगजीत

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

बिस्मिल्ला शहनाई फूँकें

शिव जी के स्थान

मीरा को भी मीर पढ़ें  

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 

जब भाला फेंका  टोक्यो में

हुआ लक्ष्य संधान

डरा पड़ोसी भी बोले

यह अद्भुत हिंदुस्तान!

 



गौतम कुमार सागर

वड़ोदरा

1 टिप्पणी:

  1. बहुत बढिया! खास तो इसलिए कि भव्य इतिहास के साथ गौरवमय वर्तमान को भी सराहा है!

    जवाब देंहटाएं

अप्रैल 2024, अंक 46

  शब्द-सृष्टि अप्रैल 202 4, अंक 46 आपके समक्ष कुछ नयेपन के साथ... खण्ड -1 अंबेडकर जयंती के अवसर पर विशेष....... विचार बिंदु – डॉ. अंबेडक...